मुक्तक
मेरे आने के सारे रास्ते पे
आग बोया गया है बड़ी सिद्दत से
दिल के पांव में छाले ही छाले उभर आए हैं
मैंने तो नहीं दिल ने मगर
चीख कर दिल बहलाए हैं
2.
वो तेरे नाम की दिल को एक आरजू है
क्या यही तेरे लिए मेरे दिल की जुस्तजू है
~ सिद्धार्थ
मेरे आने के सारे रास्ते पे
आग बोया गया है बड़ी सिद्दत से
दिल के पांव में छाले ही छाले उभर आए हैं
मैंने तो नहीं दिल ने मगर
चीख कर दिल बहलाए हैं
2.
वो तेरे नाम की दिल को एक आरजू है
क्या यही तेरे लिए मेरे दिल की जुस्तजू है
~ सिद्धार्थ