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18 Mar 2020 · 1 min read

मुक्तक

ये जो तुम देख कर भी नहीं देखते
आदत है, या यूं ही तुम नहीं देखते.?

स्याह रातों में चांद झांकता हो झरोखे से
उठ के तुम हाल मेरे जानिब से क्यूं नहीं पूछते

मेरी परेशानियों का कोई हल क्यूं नहीं
क्यूं नहीं कोई हल तुम रात से ही पूछते
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
3 Likes · 236 Views
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