मुक्तक
आईना धुंधला गया है,
सिर्फ़ तेरी याद से,
दिल मेरा बैठ गया है,
सनम तेरे तकरार से,
वक़्त मिल जाए कभी तो लौट आना तुम सनम,
ये दीवाना बैठा रहेगा हर गली में, याद से।
आईना धुंधला गया है,
सिर्फ़ तेरी याद से,
दिल मेरा बैठ गया है,
सनम तेरे तकरार से,
वक़्त मिल जाए कभी तो लौट आना तुम सनम,
ये दीवाना बैठा रहेगा हर गली में, याद से।