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14 Mar 2020 · 1 min read

मुक्तक

सीने में फकत एक जान पर जान फना कर बैठे हैं
मेरी सुबह के ख्वाब तुम्हें हर ख्वाब बना कर बैठे हैं
यूंतो नाराज खुदा हमसे क्यों सजदा पहले यार का
तुमसे चाहत की सिद्दत देखो रूठे रब को भी मना कर बैठे हैं

Language: Hindi
1 Like · 332 Views

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