मुक्तक
किया है तुमने जो वादा कहीं फिर तोड़ ना देना।
दिले-दहलीज़ पर आके कहीं मुँह मोड़ ना लेना।
तुम्हारे क़दमों में लाकर के खुदको रख दिया ‘रोली’
कहीं राहे-मोहब्बत में मुझे तुम छोड़ ना देना।
✍?’रोली’ शुक्ला
किया है तुमने जो वादा कहीं फिर तोड़ ना देना।
दिले-दहलीज़ पर आके कहीं मुँह मोड़ ना लेना।
तुम्हारे क़दमों में लाकर के खुदको रख दिया ‘रोली’
कहीं राहे-मोहब्बत में मुझे तुम छोड़ ना देना।
✍?’रोली’ शुक्ला