मुक्तक
तुम जागते रहते हो आंखो में मेरी
क्या ख्वाबों में ही घर बनाना है
अपने घर जाने का क्या लोगे जाना
मुझे जल्दी ही उठ के मां के पास भी जाना है…?
~ सिद्धार्थ
2.
मैं सोचती हुं क्या हैं मेरे पास जो तुझ को दे जाऊंगी
बता तो किस तरह तेरे प्यार को
अपने बनजर दिल में फूल की तरह मैं खिलाऊंगी
~ सिद्धार्थ