मुक्तक
प्रेम में तहज़ीब की शुरुआत करती हैं।
लब पे खामोशी निगाहें बात करती हैं।
मत कहो ‘रोली’ तुम हाल-ए-दिल सबसे,
खुद-व-खुद ज़ाहिर ये सब जज़्बात करती हैं।।
प्रेम में तहज़ीब की शुरुआत करती हैं।
लब पे खामोशी निगाहें बात करती हैं।
मत कहो ‘रोली’ तुम हाल-ए-दिल सबसे,
खुद-व-खुद ज़ाहिर ये सब जज़्बात करती हैं।।