मोबाइल
देखो मोबाइल की सबको,लगी है कैसी बीमारी ।
क्या बूढ़े क्या बच्चे सब पर, हुआ है ये अब तो भारी ।
खाते-पीते,सोते-उठते, इसी को ढ़ूढ़ा करते हैं-
सब नकली दुनिया में जीते,बनी है कैसी लाचारी ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली
देखो मोबाइल की सबको,लगी है कैसी बीमारी ।
क्या बूढ़े क्या बच्चे सब पर, हुआ है ये अब तो भारी ।
खाते-पीते,सोते-उठते, इसी को ढ़ूढ़ा करते हैं-
सब नकली दुनिया में जीते,बनी है कैसी लाचारी ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली