मुक्तक
तेरे बिना छायी हुई हरतरफ उदासी है!
तेरे बिना अब भी मेरी जिन्दगी प्यासी है!
उम्र थक रही है मेरी मंजिल की तलाश में,
तेरे बिना ठहरी हुयी हर खुशी जरा सी है!
#महादेव_की_कविताऐं'(26)
तेरे बिना छायी हुई हरतरफ उदासी है!
तेरे बिना अब भी मेरी जिन्दगी प्यासी है!
उम्र थक रही है मेरी मंजिल की तलाश में,
तेरे बिना ठहरी हुयी हर खुशी जरा सी है!
#महादेव_की_कविताऐं'(26)