मुक्तक
हमने अपने दिल को सैले-अश्क़ में बहने दिया,
आंसुओं को हम ने हाले-दिल नहीं कहने दिया,
फिर ना पूछा हाल मेरा फिर ना ली कोई खबर
उसने तो मुझको मेरे बस हाल पर रहने दिया…
हमने अपने दिल को सैले-अश्क़ में बहने दिया,
आंसुओं को हम ने हाले-दिल नहीं कहने दिया,
फिर ना पूछा हाल मेरा फिर ना ली कोई खबर
उसने तो मुझको मेरे बस हाल पर रहने दिया…