मुक्तक
जाँ देंगे वतन पर हम वतन जां से भी प्यारा है,
यही साँसे यही धड़कन यही आँखो का तारा है,
नही तुम बाँट सकते हो मुझे धर्मों में जानूँ मैं
मस्जिदें भी हमारी है ये मंदिर भी हमारा है
जाँ देंगे वतन पर हम वतन जां से भी प्यारा है,
यही साँसे यही धड़कन यही आँखो का तारा है,
नही तुम बाँट सकते हो मुझे धर्मों में जानूँ मैं
मस्जिदें भी हमारी है ये मंदिर भी हमारा है