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15 Nov 2019 · 1 min read

मुक्तक

सत्ता पाने की लालच में सावरकर को ठुकराया है ,
देश का दुश्मन कहते थे उसको अब गले लगाया है,
जिस पिता ने अंतिम साँसों तक सावरकर का मान रखा
उस पिता के गौरव को तुमने सौदे में दफनाया है,

Language: Hindi
166 Views
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