मुक्तक
1
मैं सरल होने में लगी रही
दुनियां कठोर होती रही !
…सिद्धार्थ 07.11
2.
प्रेम पगा मन बस रहा करें
खल – छल से न मिला करें।
… सिद्धार्थ 09 .11
3.
तुम मुतमइन नहीं हो, चलो ये भी तो हमने माना
‘ तू ‘ यकीन तो रख
जब रहा न वो जमाना तो रहेगा न ये भी जमाना ।
… सिद्धार्थ 09 .11