मुक्तक
“जिन्दगी” शाम की कुछ गीत गाने दे मुझे ।
आजमाना हो गया मुस्कुराने दे मुझे ।
रात दिन डुबी हुई , मै किसी की याद मे,
इस लिए कह रही हँसकर हँसाने दे मुझे ।
_______प्रमिलाश्री
“जिन्दगी” शाम की कुछ गीत गाने दे मुझे ।
आजमाना हो गया मुस्कुराने दे मुझे ।
रात दिन डुबी हुई , मै किसी की याद मे,
इस लिए कह रही हँसकर हँसाने दे मुझे ।
_______प्रमिलाश्री