मुक्तक
१.
शुभ रात्रि कहना था तुमसे, कहूं क्या ?
तुम्हारे हांथ पे एक मुस्कान की चवन्नी रखना था, रखूं क्या ?
जाने दो… तुम खामोशियों में गुम हो, मैं भी चुप रहूं क्या ?
… सिद्धार्थ
२.
कोई तंग करने वाला भी होना चाहिए…वर्ना सब बेनूर
“शुभ रात्रि” मेरे कोहिनूर
* सिद्धार्थ