मुक्तक
१.
इश्क का काम ही क्या…? चुप रहे और आहें भरे
दूरियों को धत्ता बता के मुहब्बत का इजहार करे ।
… सिद्धार्थ
**
२.
जो दिल में कैद है वो हंस के सांसों से रिहाई मांगे
हाय मर जाऊं मैं, यार मुझ से मेरा न होना मांगे !
…सिद्धार्थ
१.
इश्क का काम ही क्या…? चुप रहे और आहें भरे
दूरियों को धत्ता बता के मुहब्बत का इजहार करे ।
… सिद्धार्थ
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२.
जो दिल में कैद है वो हंस के सांसों से रिहाई मांगे
हाय मर जाऊं मैं, यार मुझ से मेरा न होना मांगे !
…सिद्धार्थ