मुक्तक
१.
मेरे यादों के दामन में खुद को उलझाओ मत जाना
यादों में चाहत के रंग सजे हैं, चलो ये भी माना
गम भी पोशीदा रहे दामन में, ये अच्छा तो नही जाना।
…सिद्धार्थ
२.
खुश रहने का तू खूबसूरत सा बहाना था
क्या बहुत जरूरी तेरा रूठ कर जाना था ?
…सिद्धार्थ
३.
तुम मिल गए थे यूँ ही, हमको सर-ए-राह चलते चलते
जाने छूटा हांथ कैसे, हम रह गए उदास हंसते-हंसते !
…सिद्धार्थ