मुक्तक
१.
पाखंडियों ने ‘धर्म’ का बाजार गर्म किया है बड़े सलीके से
दे दिया है हथियार हमें मार लो खुद को अपने तरीके से !
…सिद्धार्थ
२.
न तुम से शिकायत न दुनियां से अदावत है
बस पूछना इतना कि क्या यही सियासत है ?
गर यही सच की झूठ से ही देश चलता है
तो शहीदों के जनाज़े देश फिर क्यूँ उठाती है ?
…सिद्धार्थ