मुक्तक
१.
हम कई बार मरे थे
बस हर बार
दफ़नाना बांकी रहा
ख़्वाहिशों के कब्र में
चैन से… बस हर बार
सो जाना बांकी रहा
…सिद्धार्थ
२.
जमाने का सिखाने का ढंग है अलहदा
गिरा कर पूछते हैं दिखा दर्द का मसौदा !
…सिद्धार्थ
१.
हम कई बार मरे थे
बस हर बार
दफ़नाना बांकी रहा
ख़्वाहिशों के कब्र में
चैन से… बस हर बार
सो जाना बांकी रहा
…सिद्धार्थ
२.
जमाने का सिखाने का ढंग है अलहदा
गिरा कर पूछते हैं दिखा दर्द का मसौदा !
…सिद्धार्थ