मुक्तक
तुम्हें याद करने का हमें जाना शौक़ तो न था
तुम खुद ब खुद याद आते हो तो मैं क्या करूं ?
तुम संग रहने बसने का हमने सोचा तो नही था
बस तुम बिन रहना बेगार सा लगे तो मैं क्या करूं ?
…पुर्दिल
तुम्हें याद करने का हमें जाना शौक़ तो न था
तुम खुद ब खुद याद आते हो तो मैं क्या करूं ?
तुम संग रहने बसने का हमने सोचा तो नही था
बस तुम बिन रहना बेगार सा लगे तो मैं क्या करूं ?
…पुर्दिल