मुक्तक
१.
हम अपनी जां से रिहाई कैसे मांगे
खुद से खुद की ही जुदाई कैसे मांगे।
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२.
हम भी मिट रहे हैं तुम भी फ़ना हो रहे हो
वक़्त की चक्की है फिर से नए चेहरे बनाएगा !
…सिद्धार्थ
३.
अब और न हम से किसी से हंस के फिर मिला जायेगा
तुम ही नही तो किसी से क्या मरासिम बढ़ाया जायेगा
मरासिम= संबंध