मुक्तक
१.
कुछ और नही बस इतनी खराबी है
खुद को मिटा कर भी हसीन दुनियां बनानी है
तुम्हे गर प्यार से हो प्यार
तो तुम्हें भी साथ लाने की
मेरी पूरी तैयारी है..
… सिद्धार्थ
२.
कितने तरहों से हम इस दहर में बांधे जा रहे हैं
परवाज़ करने पे पंखों पे निशाने साधे जा रहे हैं
वो कहते है, हम बोलते हम चीखते बहुत हैं
हमारी ज़बान को तो जंजीरों में बांधे जा रहे हैं।
…सिद्धार्थ