मुक्तक
१.
कुछ भूख से रोते बच्चे देखे, देखे चाँद गगन में सादा सा
था पूनम का चाँद मगर वो दिखे मुझे बस आधा सा ।
…सिद्धार्थ
२.
गुरुर लेकर अपना जो धीरे-धीरे ढल रहा है
सूरज है वो
जो गंगा घाट से अस्ताचल को चल रहा है।
…सिद्धार्थ
३.
१.
कुछ भूख से रोते बच्चे देखे, देखे चाँद गगन में सादा सा
था पूनम का चाँद मगर वो दिखे मुझे बस आधा सा ।
…सिद्धार्थ
२.
गुरुर लेकर अपना जो धीरे-धीरे ढल रहा है
सूरज है वो
जो गंगा घाट से अस्ताचल को चल रहा है।
…सिद्धार्थ
३.