मुक्तक
जो कभी झुके नही हैं, वो झुकना सीखा रहे हैं,
मंजिलों से पहले बचपन को रुकना सीख रहे हैं।
वो दिन ए इलाही का लेते हैं जोर से नाम
दीन को मगर इलाही का डर दिखा रहे हैं ।
…सिद्धार्थ
जो कभी झुके नही हैं, वो झुकना सीखा रहे हैं,
मंजिलों से पहले बचपन को रुकना सीख रहे हैं।
वो दिन ए इलाही का लेते हैं जोर से नाम
दीन को मगर इलाही का डर दिखा रहे हैं ।
…सिद्धार्थ