मुक्तक
आज जो भी है वो कल न होगा!
बेबसी का पल हरपल न होगा!
रोशनी मिल जाएगी ख्यालों को,
दर्द का कभी हलाहल न होगा!
#महादेव_की_कविताऐं'(18)
(हलाहल=जहर)
आज जो भी है वो कल न होगा!
बेबसी का पल हरपल न होगा!
रोशनी मिल जाएगी ख्यालों को,
दर्द का कभी हलाहल न होगा!
#महादेव_की_कविताऐं'(18)
(हलाहल=जहर)