मुक्तक
१
कुछ अपने कुछ मेरे कुछ सब के बारे में लिखो,
कुछ तो लिखो यूँ चुप न रहो
चुप्पी मुर्दों पे जंचती है
जिन्दा हो तो जिंदगी की गिरहों को दांतों से ही खोलो।
…सिद्धार्थ
२.
अश्लील पुस्तकें और अश्लील सिनेमा
लिखने और बनाने वाले को कभी गालियां नही दी गई।
न ही उन्हें जलाया गया, न ही प्रतिबंधित की गई।
उन्हें सहज और सहज ढंग से पेश करने की छूट
और जमीन मुहैया कराई गई।
जलाना और रोकना बस वहां रहा जहां से लोग
अपने अधिकारों को समझना शुरु कर देते हैं…???
…सिद्धार्थ