मुक्तक
माँ की दुआओं से ही निखरा हुनर हमारा,
आबरू से ज़्यादा कुछ भी ना हमको प्यारा,
दर पे ख़ुदा के हमने रखा है बस जबीं को
झुकता नहीं सभी के कदमों में सिर हमारा…
माँ की दुआओं से ही निखरा हुनर हमारा,
आबरू से ज़्यादा कुछ भी ना हमको प्यारा,
दर पे ख़ुदा के हमने रखा है बस जबीं को
झुकता नहीं सभी के कदमों में सिर हमारा…