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13 Sep 2019 · 1 min read

मुक्तक

?????मुक्तक?????

पीर अन्तरमन की छूपा कब पाते हैं।
वेदना हृदय की बरबस बह जाते है।
है दर्द प्रीत का कठिन इस जगत में-
जाने वाले जाकर भी दर्द छोड़ जाते है।।
#सचिन

Language: Hindi
1 Like · 241 Views
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