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10 Sep 2019 · 1 min read

मुक्तक

फेर गया है चाँद हमारे सपनों पर आँखों का पानी
रूप सलोने, मदिर, मनोहर चेहरे ने की ये नादानी!

Language: Hindi
1 Like · 307 Views
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