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5 Sep 2019 · 1 min read

मुक्तक

१.
हमने तो कुछ भी कहा नही तुमने सुना कैसे
वो तो महज़ एक राज़ था फूलों के दिल का !
…सिद्धार्थ
२.
इंसान बने रहने की खूबी कुछ चंद हो
दिल में प्यार, आँखों में जरा सा शर्म
बेहिसी पे चोट करने का हैसला बुलंद हो !
…सिद्धार्थ

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 218 Views
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