मुक्तक
1.
खुद को जला कर भी आग हो जाने का सोचा है हमने
हर बुझती आवाज पर हुंकार भरने का सोचा है हमने !
…सिद्धार्थ
2.
ये इश्क चीज ही ऐसी है बर्बादी लाती है
कभी दिल को कभी रूह को रुलाती है !
…सिद्धार्थ
1.
खुद को जला कर भी आग हो जाने का सोचा है हमने
हर बुझती आवाज पर हुंकार भरने का सोचा है हमने !
…सिद्धार्थ
2.
ये इश्क चीज ही ऐसी है बर्बादी लाती है
कभी दिल को कभी रूह को रुलाती है !
…सिद्धार्थ