मुक्तक
1.
तुम ही मेरा इश्क तुम ही मेरा गुरुर हो
तुम ही मेरी चाहत तुम ही तो सुरूर हो
… सिद्धार्थ
2.
पागल हूँ क्या ?
कि तुझ से और तेरी याद से रिहाई मांगू
तू तो अजीज, दिल के करीब है
फिर क्यूँ,… ?
खुद को बिरह की सूनी सूली पे टाँगू
… सिद्धार्थ
1.
तुम ही मेरा इश्क तुम ही मेरा गुरुर हो
तुम ही मेरी चाहत तुम ही तो सुरूर हो
… सिद्धार्थ
2.
पागल हूँ क्या ?
कि तुझ से और तेरी याद से रिहाई मांगू
तू तो अजीज, दिल के करीब है
फिर क्यूँ,… ?
खुद को बिरह की सूनी सूली पे टाँगू
… सिद्धार्थ