मुक्तक
१.
मैंने तो कुछ भी वैसा नही कहा था ,
बस फासले को तुमने ही तो पसंद किया
हमने तो बस दिल की अपनी कही थी
तुमने कान ही तो अपना बंद किया !
…सिद्धार्थ
२.
रूहों को फुरसत कहाँ, वो बिधवा या सधवा बने
वो तो बस प्रेम में होतीं हैं…और प्रेम तो…
…सिद्धार्थ