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30 Aug 2019 · 1 min read

मुक्तक

मुझे तेरी चाहत ने सँभलने न दिया।
मुझे दर्द से ख़ुद को ज़ुदा करने न दिया।
आती रहती है सदा यादों की हर-पल-
मुझे ज़ख़्म देकर भी कभी मरने न दिया।

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
1 Like · 246 Views
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