Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2017 · 1 min read

मुक्तक

तेरा कमाल आज भी नहीं जाता!
तेरे बगैर कुछ नजर नहीं आता!
छायी हुई है बेखुदी ख्यालों में,
तेरे सिवा कोई भी नहीं भाता!

#महादेव_की_कविताऐं'(20)

Language: Hindi
190 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेवकूफ
बेवकूफ
Tarkeshwari 'sudhi'
नर नारायण
नर नारायण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुझे जगा रही हैं मेरी कविताएं
मुझे जगा रही हैं मेरी कविताएं
Mohan Pandey
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
gurudeenverma198
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
Shweta Soni
मैं एक महल हूं।
मैं एक महल हूं।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
भ्रूण हत्या:अब याचना नहीं रण होगा....
भ्रूण हत्या:अब याचना नहीं रण होगा....
पं अंजू पांडेय अश्रु
न्याय यात्रा
न्याय यात्रा
Bodhisatva kastooriya
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मिल  गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
मिल गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
2880.*पूर्णिका*
2880.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जमात
जमात
AJAY AMITABH SUMAN
विषम परिस्थियां
विषम परिस्थियां
Dr fauzia Naseem shad
इंतिज़ार
इंतिज़ार
Shyam Sundar Subramanian
माँ को फिक्र बेटे की,
माँ को फिक्र बेटे की,
Harminder Kaur
आँखों में सपनों को लेकर क्या करोगे
आँखों में सपनों को लेकर क्या करोगे
Suryakant Dwivedi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
"मेरे तो प्रभु श्रीराम पधारें"
राकेश चौरसिया
फिर वही शाम ए गम,
फिर वही शाम ए गम,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
डी. के. निवातिया
!! फूलों की व्यथा !!
!! फूलों की व्यथा !!
Chunnu Lal Gupta
पिछले पन्ने 3
पिछले पन्ने 3
Paras Nath Jha
*आओ देखो नव-भारत में, भारत की भाषा बोल रही (राधेश्यामी छंद)*
*आओ देखो नव-भारत में, भारत की भाषा बोल रही (राधेश्यामी छंद)*
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
Sonam Puneet Dubey
मेरे पास खिलौने के लिए पैसा नहीं है मैं वक्त देता हूं अपने ब
मेरे पास खिलौने के लिए पैसा नहीं है मैं वक्त देता हूं अपने ब
Ranjeet kumar patre
मुझे प्यार हुआ था
मुझे प्यार हुआ था
Nishant Kumar Mishra
आज कल ब्रेकअप कितनी आसानी से हो रहे है
आज कल ब्रेकअप कितनी आसानी से हो रहे है
पूर्वार्थ
🌳वृक्ष की संवेदना🌳
🌳वृक्ष की संवेदना🌳
Dr. Vaishali Verma
"" मामेकं शरणं व्रज ""
सुनीलानंद महंत
हर गम दिल में समा गया है।
हर गम दिल में समा गया है।
Taj Mohammad
Loading...