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4 Aug 2019 · 1 min read

मुक्तक

मेरे जिस्म के गली में तुमने जश्न मनाई थी
मार कर मुझको, मुझ में मेरी कब्र बनाई थी !
…सिद्धार्थ
***
सांप की बांबियों को तुम दूध पिलाते हो ?
जीते जागते इंसान के बच्चे को तरसाते हो ?

शब्द तो घाव लगा ही जाते हैं
मौन खरोंचे तो सहे नही जाते !
…सिद्धार्थ
***

Language: Hindi
428 Views
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