मुक्तक
बेवजह के न मुद्दे उठाया करो,
दुश्मनी तो सही से निभाया करो,
कैंची – सी ज़माने की फितरत हुई,
हर जगह यूँ न पर फड़फड़ाया करो,
बेवजह के न मुद्दे उठाया करो,
दुश्मनी तो सही से निभाया करो,
कैंची – सी ज़माने की फितरत हुई,
हर जगह यूँ न पर फड़फड़ाया करो,