Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2019 · 1 min read

मुक्तक

यकीनन ज़ख्म हमको सब पुराने याद रहते हैं,
बुरे वक्त और अपनों के ताने याद रहते हैं,
कोई भी पल मुहब्बत का भले ही याद न रहता
करिश्मा है कि नफ़रत के ज़माने याद रहते हैं,

Language: Hindi
405 Views

You may also like these posts

सवाल क्यों
सवाल क्यों
RAMESH Kumar
जन्मदिन के मौक़े पिता की याद में 😥
जन्मदिन के मौक़े पिता की याद में 😥
Neelofar Khan
अदब और अदा में बड़ा अंतर होता है हुज़ूर,
अदब और अदा में बड़ा अंतर होता है हुज़ूर,
Anand Kumar
कविता
कविता
Bodhisatva kastooriya
दीपावली
दीपावली
Neeraj Agarwal
है हुस्न का सौदागर...
है हुस्न का सौदागर...
आकाश महेशपुरी
बड़ों का साया
बड़ों का साया
पूर्वार्थ
उम्र भर दर्द देता है
उम्र भर दर्द देता है
Dr fauzia Naseem shad
*प्यासी धरती को मिला, वर्षा का उपहार (कुंडलिया)*
*प्यासी धरती को मिला, वर्षा का उपहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
Priya princess panwar
तुम जा चुकी
तुम जा चुकी
Kunal Kanth
खून के छींटे है पथ्थरो में
खून के छींटे है पथ्थरो में
sushil yadav
सोच
सोच
Rambali Mishra
आइए मोड़ें समय की धार को
आइए मोड़ें समय की धार को
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
दे संगता नू प्यार सतगुरु दे संगता नू प्यार
दे संगता नू प्यार सतगुरु दे संगता नू प्यार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
Dr Archana Gupta
आप खुद का इतिहास पढ़कर भी एक अनपढ़ को
आप खुद का इतिहास पढ़कर भी एक अनपढ़ को
शेखर सिंह
** गर्मी है पुरजोर **
** गर्मी है पुरजोर **
surenderpal vaidya
चांद कहानी
चांद कहानी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
*प्रणय*
दो पल देख लूं जी भर
दो पल देख लूं जी भर
आर एस आघात
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
Suryakant Dwivedi
पिछले पन्ने 3
पिछले पन्ने 3
Paras Nath Jha
क्या लिखूं
क्या लिखूं
MEENU SHARMA
निबंध
निबंध
Dhirendra Singh
भक्ति रस की हाला का पान कराने वाली कृति मधुशाला हाला प्याला।
भक्ति रस की हाला का पान कराने वाली कृति मधुशाला हाला प्याला।
श्रीकृष्ण शुक्ल
इश्क की गलियों में
इश्क की गलियों में
Dr. Man Mohan Krishna
उनका सम्मान तब बढ़ जाता है जब
उनका सम्मान तब बढ़ जाता है जब
Sonam Puneet Dubey
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
चुगलखोरों और जासूसो की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
चुगलखोरों और जासूसो की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
Rj Anand Prajapati
Loading...