मुक्तक
तेरा सच इक घाव पुराना बोल उठा,
जुगनू के होठों से ताना बोल उठा,
तेरे आगे तुझको ज़ालिम कौन कहे
तूने फेरी पीठ ज़माना बोल उठा॥
तेरा सच इक घाव पुराना बोल उठा,
जुगनू के होठों से ताना बोल उठा,
तेरे आगे तुझको ज़ालिम कौन कहे
तूने फेरी पीठ ज़माना बोल उठा॥