मुक्तक
तेरी यादों के क़दम रुकते नहीं कभी।
तेरी ज़ुल्फ़ों के सितम रुकते नहीं कभी।
रोशनी ज़लती है हर दम अरमानों की-
तेरी चाहत के वहम रुकते नहीं कभी।
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
तेरी यादों के क़दम रुकते नहीं कभी।
तेरी ज़ुल्फ़ों के सितम रुकते नहीं कभी।
रोशनी ज़लती है हर दम अरमानों की-
तेरी चाहत के वहम रुकते नहीं कभी।
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय