मुक्तक
बदलते हुए इस वक़्त की आवाज बन जाओ
तुम इक नई तहज़ीब के, आगाज़ बन जाओ
बात केवल फायदे नुक़सान तक रखो नहीं
होकर समर्पित राष्ट्र पर, जांबाज़ बन जाओ
बदलते हुए इस वक़्त की आवाज बन जाओ
तुम इक नई तहज़ीब के, आगाज़ बन जाओ
बात केवल फायदे नुक़सान तक रखो नहीं
होकर समर्पित राष्ट्र पर, जांबाज़ बन जाओ