मुक्तक
जब कली कोई मुस्कुराई है
दुनिया भौंरों की जगमगाई है
इश्क़ करते नहीं हैं ये बुड्ढे
किसने अफ़वाह ये उड़ाई है
प्रीतम राठौर भिनगाई
जब कली कोई मुस्कुराई है
दुनिया भौंरों की जगमगाई है
इश्क़ करते नहीं हैं ये बुड्ढे
किसने अफ़वाह ये उड़ाई है
प्रीतम राठौर भिनगाई