मुक्तक
देश पर जान ये लुटाना है
इसका सम्मान यूँ बढ़ाना है
इसकी सेवा ही है मेरी पूजा
लेके माटी तिलक लगाना है
प्रीतम राठौर भिनघाई
देश पर जान ये लुटाना है
इसका सम्मान यूँ बढ़ाना है
इसकी सेवा ही है मेरी पूजा
लेके माटी तिलक लगाना है
प्रीतम राठौर भिनघाई