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7 May 2019 · 1 min read

मुक्तक

रिश्तों का दर्पण टूट रहा है बीच बहस में,
सबके सब बैठे है आंखे मीच बहस में,
मन्दिर, मस्ज़िद, गिरजे, गुरूद्वारे बौने
सबकी ऊँचाई शामिल है नीच बहस में,

Language: Hindi
404 Views

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