मुक्तक
(1) मात्राभार – 24
मत देने का आपका, बहुत बड़ा अधिकार।
बुद्धि और विवेक संग, चुनें योग्य सरकार।
यदि चयन में आपने, कर दी लापरवाही।
तो मूरख राजा बनें, होगा बंटाधार।
(2)मात्राभार – 27
अंधेर नगरी चौपट राजा उक्ति है पुरानी
वोट देने से पहले ध्यान रखना ये कहानी।
वर्ना बाद में आपको ही फिर पड़े पछताना
यथा राजा तथा प्रजा यही कह गये हैं ज्ञानी।
रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
©