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9 Apr 2019 · 1 min read

मुक्तक

मज़हब की चिंगारी को अंगार बना कर रखते हैं,
जाति,धर्म को कुछ इंसा व्यापार बना कर रखते हैं,
सत्ता की कश्ती उनकी मझदार में आकर उलझे तो
भोली भाली जनता को पतवार बना कर रखते हैं,,

Language: Hindi
416 Views

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