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9 Apr 2019 · 1 min read

मुक्तक

कोशिश है उनसे मुलाकात की
बौछारें है दिल में सवालात की,
दर्द जनता के अब वो समझने चले ,
कद्र जिनको नहीं थी जज्बात की

Language: Hindi
250 Views

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