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20 Mar 2019 · 1 min read

मुक्तक

हैं दास्ताँ निराळी, दुनिया की दास्ताँ में,
यदि शँख में है जादू, तो रंग हैं अजाँ में
नादान हैं वो यारों जो जानते नहीं हैं,
मेरे वतन की ख़ुशबू ,फैली है इस जहां में,

Language: Hindi
195 Views
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