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20 Mar 2019 · 1 min read

मुक्तक

कमजोर यूँ ही उम्र भर टेकता रह जाएगा,
व्यूह अभिमन्यु अकेला भेदता रह जाएगा,
क्या लुटती रहेगी बेटियों की असमतें यूं ही सदा
कब तलक इक बाप आखिर देखता रह जाएगा?

Language: Hindi
328 Views
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