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18 Mar 2019 · 1 min read

मुक्तक

लाचार क्या होना किसी लाचार के आगे,
कई मझधार होते हैं मेरी रफ़्तार के आगे,
बिकाऊ कर दिया दुनिया ने जिसको होशियारी से,
बिछ जाती है ये दुनिया उसी बाज़ार के आगे

Language: Hindi
266 Views
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